b:if cond='data:blog.metaDescription != ""'>

बुधवार, 28 अक्तूबर 2015

भारतीय अर्थव्यवस्था

भारतीय अर्थव्यवस्था में अभी बुरे दिन चल रहे हैं.खाद्य प्रदार्थों में खासकर प्याज और दाल के मुल्यों नें अप्रत्याशित छलांग लगायी है.आखिर एैसी क्या वजह है जो कि मनमोहन सिंह जी के १७ महीनें गद्दी छोड़ने के बाद ही एैसी परिस्थति निर्मित हो गई,जिनके कारण वस्तुओं के मुल्य नियंत्रण से बाहर हो गये है.हालांकि मनमोहन सिंह जी के कार्यकाल में देश मंदी के दौर से गुजर चुका है,फिर भी दाम,मंहगाई ने चरम सीमा नही लांघी थी.कारण जो भी हो लेकिन इस मुद्दे पर सरकार बैक फुट पर है जहां तक आम जनता की सोंच यह है कि अल्पवर्षा,और जमाखोंरो की वजह से दाल,के मुल्य बढ़े है.हाल ही के दिनों में छापेमारी की कार्यवाही मे ब्यापक पैमाने में जप्त की गई दालें,इसका सबूत है.
सरकार का यह कर्तव्य है कि जमाखोरों के विरूद्ध कड़े कानून बनाये,और उसे सख्ती से लागु करे.

#NEPAL #BHARAT RELATION

भारत नेपाल मैत्री सम्बन्ध का इतिहास बहुत पुराना   है। मोदी सरकार ने नेपाल की आपदा में बढ़- चढ़ कर आर्थिक सहायता पहुंचाई ,चीन ने भी नेपाल के पुनर्निर्माण  सराहनीय मदद की,जिससे दोनों देशो के रिश्ते प्रगाढ़ हुवे,नेपाली और चीनी जनता के मध्य सहयोग बढ़ा,शायद यही से नेपाल -भारत के रिश्ते में कडुवाहटशुरू हुई। चीन की ओऱ नेपाल का  ज्यादा उदार होना स्वाभाविक है कि भारत  नागुवार होगा। हिन्दुस्तान का नेपाल के साथ सांस्कृतिक संबंध है. विश्व का एक मात्र हिन्दू राष्ट्र होने का अस्तित्व मिटता देख,भारत बेचैन है। प्रश्न ये है कि भारत बदलते परिवेश में नेपाल की कम्युनिस्ट, धर्म निरपेछ ,सरकार के साथ भारत  अपने रिश्ते कैसे सामान्य कर सकेगा। जहाँ चीन ने पुराने बंद हो चुके व्यापारिक रास्ते,नेपाल के लिए पुनः खोल दिए हैं। नेपाल सरकार ने भी चीन  के संग बड़े ब्यापारिक सम्बन्धो की नई शुरूवात की पहल की है। पेट्रोलियम उत्पादों की भारत की सबसे बड़ी कम्पनी इंडियन आयल कारपोरेशन,जो की नेपाल को पेट्रोल उत्पादों की आपूर्ति करती थी उसे नेपाल ने बंद कर चीन के साथ समझौता किया है। नेपाल सरकार के ये निर्णय से साबित होता है कि नेपाल पूर्णतः भारत पे निर्भर न रह कर बल्कि नए, मित्र बनाने की पहल करेगा।नेपाली जनता भी, विश्व के अन्य देशो के साथ सम्बन्ध बनाने की पक्छ्धर है.जिसे एक अच्छी पहल कही जा सकती है।

बुधवार, 14 अक्तूबर 2015

Rafique khan: #DADARI AND MODI

Rafique khan: #DADARI AND MODI: दादरी हत्याकांड के के २२ दिनों के बाद आज प्रधानमंत्री जी का इस मामले व्यक्तव आया इस घटना पर उन्होंने अफ़सोस जाहिर किया साथ ही एक प्रश्न कर द...

मंगलवार, 13 अक्तूबर 2015

#SUDHINDRA KULKARNI

क्या विभिन्न सांस्कृतिक विचारधाराओ, को ख़त्म कर देना भारत की आत्मा को ख़त्म करना  है? क्या अपना  एजेंडा  बलपूर्वक लागु करना सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को परिभासित करता है। एक  राजनैतिक लेखक ,सुधीन्द्र कुलकर्णी के चेहरे को स्याही से पोतकर अपमानित किया गया शिव सैनिक के इस कृत्य, को विरोध का अहिंसक तरीके  की संज्ञा दिया जाना कहां तक जायज है ?जहाँ दादरी कांड के विरोध में देश के बुद्धिजीवी लेखको का राष्ट्रीय पुरुस्कार, सरकार को लौटाने का सिलसिला जारी है ,वही इस घटना ने अंतर्मन को चोटिल कर दिया है. विचारधाराओ की स्वतंत्रता, लोकतान्त्रिक देश की प्राणवायु होती है,विरोध की ऐसी घटना से देश शर्मसार होता है!लेकिन राजनैतिक पार्टियां सिर्फ अपना हित  देखती है क्योंकि सत्ता, सर्वोपरि होता है ज़रूरत है हमारी लोकतांत्रिक मूल्यों, की भी अनदेखी ना की जाए और वैश्विक स्तर  हमारी बहुलतावादी छवि बनी रहें .

गुरुवार, 8 अक्तूबर 2015

#DADRI HATYAKAND


दादरी हत्याकांड से उपजे विवाद ने एक बार फिर भारत के माथे पर कलंक  लगाया। प्रतिबंधित पशु गाए  की हत्या के अफवाह से पैदा विवाद ने इलाके को दंगे की चपेट में ले लिया। इस खबर पर भारत  के साथ-साथ विदेशी मीडिया ने भी इसे प्रमुखता  लिया। प्रश्न  ये है  की मंदिर के लाउड स्पीकर से गौ हत्या की खबर प्रसारण की गई तो  क्या मोबाइल से दादरी थाने में सूचना नहीं दी जा सकती थी ?? सीधे कानून  को अपने हाथ में  ले लेना ठीक नहीं था.आतताइयों ने बुजुर्ग अख़लाक़ की हत्या पीट -पीट कर दी ये ये भी नहीं देखा की इस परिवार का सदस्य वायुसेना में रह कर देश सेवा कर रहा है । बहरहाल फ़िज़ा मे जहर घुल चुका है,अख़लाक़ के परिवार दादरी छोड़ दिल्ली के वायु सैनिक परिसर में सिफ्ट हो गया है। अखिलेश सरकार ने मुआवजे का मरहम लगा दिया है जो वो हमेशा करती आई है। नेताओ, की जहरीली बयानबाजियों से शांतिप्रिय वर्ग व्यथित है तो वही प्रधानमंत्री मोदी जी का मौन धारण  कर लेना भी समझ से परे है।   बिहार चुनाव तक इस दादरी कांड को ईंधन मिलता रहेगा क्योंकि नेताओ को सिर्फ अपनी सत्ता और कुर्सी की फ़िक्र रहती है, वो इस मानवता को शर्मशार कर देने वाली घटना में  भी राजनितिक स्वार्थ सिद्धि करेंगे,जनता भली -भांति जानती है ।