b:if cond='data:blog.metaDescription != ""'>

बुधवार, 28 अक्तूबर 2015

भारतीय अर्थव्यवस्था

भारतीय अर्थव्यवस्था में अभी बुरे दिन चल रहे हैं.खाद्य प्रदार्थों में खासकर प्याज और दाल के मुल्यों नें अप्रत्याशित छलांग लगायी है.आखिर एैसी क्या वजह है जो कि मनमोहन सिंह जी के १७ महीनें गद्दी छोड़ने के बाद ही एैसी परिस्थति निर्मित हो गई,जिनके कारण वस्तुओं के मुल्य नियंत्रण से बाहर हो गये है.हालांकि मनमोहन सिंह जी के कार्यकाल में देश मंदी के दौर से गुजर चुका है,फिर भी दाम,मंहगाई ने चरम सीमा नही लांघी थी.कारण जो भी हो लेकिन इस मुद्दे पर सरकार बैक फुट पर है जहां तक आम जनता की सोंच यह है कि अल्पवर्षा,और जमाखोंरो की वजह से दाल,के मुल्य बढ़े है.हाल ही के दिनों में छापेमारी की कार्यवाही मे ब्यापक पैमाने में जप्त की गई दालें,इसका सबूत है.
सरकार का यह कर्तव्य है कि जमाखोरों के विरूद्ध कड़े कानून बनाये,और उसे सख्ती से लागु करे.

कोई टिप्पणी नहीं :