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मंगलवार, 24 मार्च 2020

Indian Economy and Rural Management

किसी देश की अर्थव्यवस्था में ग्रामीण जनसँख्या की आय का विशिष्ट महत्त्व होता है देश के सकल घरेलु उत्पाद में कृषि,पशुपालन,डेयरी जैसे लघु उद्योग,इन्ही ग्रामीण इलाकों में फलते फूलते है यही इनका पोषण होता है करीब ७०% श्रम ग्रामीण परिवेश में है. किसानो के कर्जमाफी और रोजगार गारंटी कानून से ग्रामीण अर्थव्यथा पटरी पर लोटी है 

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2016

जाट आंदोलन और राजनीति.

जाट आंदोलन इस बार भी हिंसक हो चुकाहै़ सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश और हरियाणा सरकार की प्रतिबद्धता भी आरछण के इस दावानल की अग्नि को शांत नही कर पाये .सरकारे चुनाव में  एैसे वायदे भी कर लेती है जिनको वो संवैधानिक रूप से पूरा कर पाना असंभव होता है.हिंसा पर उतारू जाट शासकीय संपत्तियों पर अपना गुस्सा निकाल रहे है.स्थिति राज्य सरकार के पुलिस,अर्ध सैनिक बलों के नियंत्रण से बाहर होता देख सेना को बुला लिया गया है .जो सेना देश के बाहरी दुश्मनों से लड़ने के लिये है उसे अपने ही देश के नागरिको को नियंत्रण करना पड़ रहा है.सड़के जाटों से भरी हुई है सेना को हेलीकाप्टरों द्वारा उतारा जा रहा है.
जाटो की मांग पुरानी है केंद्र और राज्य सरकारों को ईमानदारीपूर्वक इस समस्या का समाधान ढूंढने का प्रयास करना होगा.

जे एन यू विवाद और राष्ट्रवाद

जे एन यू विवाद और  राष्ट्रवाद पर, परस्पर  विरोधाभास के बीच किसी को भी राष्ट्र विरोधी नारे लगाने की इजाजत नही दी जा सकती.

मंगलवार, 24 नवंबर 2015

Amir khan's speech on intolerance

क्या आमिर खान ने बुझती असहिष्णुता की आग पर घी डालने की कोशिश की है.?
साहित्यकारो के पुरूस्कार लौटाने के पिछले दिनों के घटनाक्रम से उपजे विवाद से स्टार भी अछुते नही रहे,पहले शाहरूख खान फिर अब इस मुद्दे पर, व्यकत्वय देकर बुरे फंसे आमिर खान.
लेकिन सवाल यह है कि देश छोड़ने की मंशा किरण राव ने रखी थी आमिर खान ने नही,तो गुनाहगार आमिर खान को कैसे माने ..??

सोमवार, 9 नवंबर 2015

Owaisi aur Bihari muslim.

Aakhir kyo bihari muslimo ne owaishi ko nakaar diya? Owaisi ne seemanchal me muslimo ki aabadi aur pichhale chunav me jeet kar aaye muslim vidhayak ke aadhar par owaishi ne muslim card khela tha,aur haidarabad se aakar bihari muslamano ka rahnuma banana chaha,aisa maana ja raha tha ki owaishi musalmano ke beech apni jagah bana lenge.bihar ke 38 jilo me se 9 jilo me muslim abadi 18%se lekar 48% tak hai.koi bhi party musalmano ko ignor nahi kar sakta.muslim pichhle chunav me bhi nitish -lalu ke saath the aur is 2015 ke chunaav me bhi inhi ke saath rahe .owaisi ka muslim dalit card fail raha ,owaisi musalmano ka vote haasil karne me naakam rahe.
Bihari musalmano ne owaisi ko saaf tour par nakaar diya voto ka dhurvikaran karne me owaisi kamyaab nahi ho paaye.

#bihar,#election,and #modi

http://www.jantakareporter.com/wp-content/uploads/2015/08/nitish.jpgबिहार के जनादेश ने यह साफ़ संकेत दिए है की भारत में प्रजातन्त्र ,धर्मनिरपेक्छता ,और आरछण ,की जडें बहुत मजबूत है। जनता ने महंगाई पर अंकुश  न लगा पाने ,के लिए मोदी सरकार को दोषी माना है ,और उसके खिलाफ अपना मत दिया है। राजनेताओ ने राष्ट्रीय मुद्दों को नज़रअंदाज़ कर अनर्गल व्यक्तवय देना भी हार का एक कारण है। संघ प्रमुख का आरछण पर दिए बयान ने आग में घी डालने का काम किया ,पिछली सरकारों ने आरछण को  मधु मक्खियों का छत्ता बोल कर इसे हाथ नहीं लगाना चाहा था, इस सरकार के मार्गदर्शक, संघ ने बयानबाजी कर गलती कर दी.सर्व विदित है की बिहार के चुनाव जाँत  पात के आधार पर ही आज तक होते आये है। बिहार की जनता  मूड समझ पाने में मोदी सरकार नाकाम रही है।इस चुनाव ने ये साबित कर दिया है की जनता को मतलब सार्थक मुद्दों से है वो मूल्यांकन करना भली भांति जानती है. 

बुधवार, 28 अक्तूबर 2015

भारतीय अर्थव्यवस्था

भारतीय अर्थव्यवस्था में अभी बुरे दिन चल रहे हैं.खाद्य प्रदार्थों में खासकर प्याज और दाल के मुल्यों नें अप्रत्याशित छलांग लगायी है.आखिर एैसी क्या वजह है जो कि मनमोहन सिंह जी के १७ महीनें गद्दी छोड़ने के बाद ही एैसी परिस्थति निर्मित हो गई,जिनके कारण वस्तुओं के मुल्य नियंत्रण से बाहर हो गये है.हालांकि मनमोहन सिंह जी के कार्यकाल में देश मंदी के दौर से गुजर चुका है,फिर भी दाम,मंहगाई ने चरम सीमा नही लांघी थी.कारण जो भी हो लेकिन इस मुद्दे पर सरकार बैक फुट पर है जहां तक आम जनता की सोंच यह है कि अल्पवर्षा,और जमाखोंरो की वजह से दाल,के मुल्य बढ़े है.हाल ही के दिनों में छापेमारी की कार्यवाही मे ब्यापक पैमाने में जप्त की गई दालें,इसका सबूत है.
सरकार का यह कर्तव्य है कि जमाखोरों के विरूद्ध कड़े कानून बनाये,और उसे सख्ती से लागु करे.